जाने कहाँ से आती है न जाने कहाँ चली जाती है
पल में चमक कर बिजली सी पल में गुल हो जाती है
यह दिखी और उधर गयी आवाज़ यही बस आती है
लड़की है या उड़न तश्तरी बात समझ नहीं आती है
किसी के हाथ न आये यह लड़की
किसी को घास न डाले यह लड़की
दिल की साफ़ है बातों बातों में दिल की कह जाती है
अपनी कह कर और किसी की बिना सुने चली जाती है
बात जुबां पर आयी हुई बिन शब्द मिले घुल जाती है
और यह फिर से नौ दस से बातें करके आ जाती है
किसी के हाथ न आये यह लड़की
किसी को घास न डाले यह लड़की
राज है उसके ख्वाब हैं क्या और क्या उसके मंसूबे हैं
दिल के गहरे समंदर में कितने टायटेनिक डूबे हैं
दाँतों तले सब दर्द है रखती ज़ख्म नहीं दिखलाती है
खुद बेपरवाह हंसती है और खुशियां बांटती जाती है
किसी के हाथ न आये यह लड़की
किसी को घास न डाले यह लड़की