पानी में घुला ज़हर हैं हवाएं धुआं धुआं
नेमतें बारिश की भी अब तो सितम हुई
बस भी कर खुदा के बन्दे अमां हद हुई
ढकने को मजबूर हुए हैं चेहरे तेरे मेरे
घर से बाहर निकले मगर लगे हैं पहरे
दीवारों में छटपटाती ज़िन्दगी ख़त्म हुई
बस भी कर खुदा के बन्दे अमां हद हुई
दे रहा था खुदा तुमको इशारे बार बार
तू खोया रहा अपनी ज़िद में लगातार
जानकारी ही तेरी जां की आफत बनी
बस भी कर खुदा के बन्दे अमां हद हुई
इसको हुआ है कल उसको भी होगा
वो मर गया है कल उसका क्या होगा
किसको पता कल किसकी शामत हुई
बस भी कर खुदा के बन्दे अमां हद हुई