मैं तो मासूम थी नामालूम थी
बेचारा भूखी, मैं एक माँ थी
तुम्हारे छल कपट से अनजान
बड़े पेट की जरूरत से परेशान
तुम्हारे सत्कार का यकीं कर लिया
प्यार से जो परोसा ग्रहण कर लिया
हम जानवर हैं हम होते ही ऐसे हैं
झूठे प्यार पर भी जान वार देते हैं
धोखा प्रपंच हम नहीं जानते हैं न
साँसों में ज़हर हम नहीं पालते हैं न
मौत का तुम तमाशा बना सकते हो
मेरी लाश से भी पैसे कमा सकते हो
मेरी मौत पर अब झूठे आंसू बहाकर
मुद्दा बनाकर वोट भी पा सकते हो
आतंकी वारदातों पर शोर मचाने वाले
तुम हो मुझे विस्फोट से मारने वाले
भूख अगर कसूर था पाप न गिनूँगी
माँ हूँ! अजन्मे का क़त्ल न बख्शूंगी
मैं तो मासूम थी नामालूम थी
बेचारा भूखी, मैं एक माँ थी