(लाहौल अरबी के एक प्रसिद्ध वाक्य का पहला शब्द जिसका व्यवहार प्रायः भूत प्रेत को भगाने या किसी बात के संबंध में परम उपेक्षा अथवा घृणा प्रकट करने के लिए किया जाता है। पूरा वाक्य इस प्रकार है ‘लाहौल वला कूव्वत इल्ला बिल्लाह’ जिसका अर्थ है, ईश्वर के सिवा और किसी में कुछ सामर्थ्य नहीं है। आभार गूगल )
सदक़े ऐ अनजानी रूह इंसां को डरा दिया
मंगल विजयी को तूने घर में पनाह दिया
भागा फिरता था मतवाला अनजाने पथ पर
वर्तमान को रोंदा भविष्य के हाथों बिक कर
तीन वक़्त की रोटी दो कपड़ों में चुका दिया
छोटे बड़े का फर्क था भाई भाई का दुश्मन
दुनिया बनी जंग का मैदां हर सू बस अनबन
इंसां को मिलजुल कर तूने जीना सिखा दिया
सेवा भाव से संकट में एक दूजे को थाम लिया
देर सही, मानव ने जीवन सत्य को जान लिया
पढ़ लिख कर न समझ सके पर तूने सिखा दिया