तारीफों के पुल पर मुझको कितना रोज़ चढ़ाते हो
परिचय मुझसे मेरा ही तुम हर दिन नया कराते हो
सुध बुध मेरी खो जाती झाड़ पर बैठाते हो
ऐ चापलूस साथी मेरे तुम यह कैसे कर पाते हो
यस सर यस सर सॉरी सर हर बात पे करते ओके सर
व्यस्त दिखाते हो खुद को पर काम नहीं करते दिनभर
ऑफिस की काम से जाते पर सब अपने काम बनाते हो
ऐ चापलूस साथी मेरे तुम यह कैसे कर पाते हो
ऊँगली छोटी पकड़ा दी तो तुमने ली है बाजू धर
लिफ्ट ज़रा सी जो दे दी लगे नाचने तुम सर पर
एक काम मेरा करके डीयर दस अपने निपटाते हो
ऐ चापलूस साथी मेरेतुम यह कैसे कर पाते हो
अब बहुत हुआ बंद करो कितना और गिरोगे तुम
जाओगे एक दिन खाई में कब तक नहीं फसोगे तुम
थोड़ी सी हलाली तो रखो इस देश की रोटी खाते हो
रुसवा करते अपने पद को लायक का हक़ क्यों खाते हो
बदली जनता बदला भारत क्यों बदल नहीं तुम जाते हो
ऐ चापलूस साथी देखें तुम कब तक मौज मानते हो