माँ मुझ पर उपकार तुम्हारा जग में जो मुझको लाई
ममता की छाया में रखकर दुनिया मेरी स्वर्ग बनाई
बस इतनी अभिलाषाहै माँ दूर तुमसे नहीं होना है
तेरी छाया में रहना है मुझे बड़ा कभी नहीं होना है
खेल खिलौने तुमसे मेरे हर पल तेरे दम से मस्ती
तेरी आँखों के काजल से ममता मुझ पर रोज़ बरसती
तेरे पल्लू का छोर पकड़ समय से छुप कर रहना है
तेरी छाया में रहना है मुझे बड़ा कभी नहीं होना है
कभी छिप जाऊं तुम खोजो मैं ढूंढूं तुम छुप जाओ
पापा से कहकर मुझको टॉफी गुब्बारे दिलवाओ
तेरा राजदुलारा हूँ मैं साथ संग सदा तेरे रहना है
तेरी छाया में रहना है मुझे बड़ा कभी नहीं होना है
जब तक अबोध हूँ नादां हूँ बस प्यार ही पहचानूंगा
बड़ा हुआ to बैर रखूँगा छल कपट की चालें चलूंगा
ईश्वर का जो अंश है मुझमें उसे व्यर्थ नहीं करना है
तेरी छाया में रहना है मुझे बड़ा कभी नहीं होना है
बचपन मुझको खूब सुहाता सतरंगी सपने दिखाता
अपने पराये का भेद नहीं जग सारा मुझे है भाता
बड़े लोगों का ज्ञान बड़ा है ऐसा ज्ञान नहीं रखना है
तेरी छाया में रहना है मुझे बड़ा कभी नहीं होना है
बेफिक्री का यह नाता माँ तेरे मेरे बीच सदा रहे
परियों चिड़ियों की कहानी अपने संग चलती रहे
आशीर्वाद बड़े होने का तुमसे मुझे नहीं लेना है
तेरी छाया में रहना है मुझे बड़ा कभी नहीं होना है