खुदा मिलता नहीं कभी ऐश-ओ-आरामों में
तेरी तकलीफ में पर आगे खड़ा रहे सदा
ग़मों का ग़म न कर है बड़ा ग़रीब नवाज़
भला करेगा बख्श देगा तेरी हर खता
है जिसका ज़िक्र मन्त्रों और आयतों में
ज़र्रा ज़र्रा तुझे देगा उसी का पता
अब जो खोया है दौलतों शोहरतों में तू
नहीं पायेगा मेरे परवरदिगार का पता
नेक नीयत ज़ुबान साफ़ रूह पाकीज़ा
पाक दिल में ही रहता है वो मेरा खुदा