(Expectation of an expecting mother)
जिस पल से तू! मुझमें समाया है
कुछ नया अनोखा अद्भुत
रंग मेरे जीवन में आया है
जिस पल से तू! मुझमें समाया है
सोचती हूँ किसका चेहरा है तू
कौन है जिससे मिलता है तू
मेरे तन मेरी उम्र को महकाया है
जिस पल से तू! मुझमें समाया है
इठलाती लजाती हूँ खुद से
कभी रीझ जाती हूँ खुद पे
बेचैन रूह को मेरी चैन आया है
जिस पल से तू! मुझमें समाया है
नन्हे पैरों से तू जब नापेगा आँगन
खिल उठेगा मेरा मन और जीवन
मातृत्व का नया रूप मैंने पाया है
जिस पल से तू! मुझमें समाया है
तू रूप कान्हा का अंश श्री राम का
सार गीता का है आयत कुरान का
मेरे मौला का मेरे सर पे साया है
जिस पल से तू! मुझमें समाया है