(जंतर मंतर पर OROP के लिए संघर्ष कर रहे सभी फौजी भाइयों को समर्पित जो अपना घर बार छोड़ कर भूख हड़ताल करते हुए अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं)
इंतज़ार कब तलक
करें पुकार कब तलक
OROP के फैसले पर
हो तक़रार कब तलक I
जोश जूनून और जवानी
देश सेवा में लगा दी
सेवा पेंशन के हक़ से
महरूम रहें कब तलक I
मिलता न रोज़गार है
खेती हुई बेगार है
गूँगे बहरे सिस्टम में
सर खपाएं कब तलक I
अन्न हमने छोड़ दिया
सन्देश खून से दे दिया
उम्र के इस पड़ाव पर
आवाज़ लगाएं कब तलक I
साथ बस जवान हैं
देश का आह्वान है
ब्रेकिंग न्यूज़ के शोर में
दबें अधिकार कब तलक I
सब कुछ छोड़ आये हैं
निश्चय कर के आये हैं
संघर्षरत हम रहेंगे
दम में दम है जब तलक I
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